चंदेरी व मलहाजनी के प्रतिहार - Pratihar of Chanderi and Malhajni


 चंदेरी का प्रतिहार


नीलकंठ प्रतिहार चांदेरी का शासक हुआ। इसके बाद क्रमशः हरिराज, भीमदेव, रणपाल, वत्सराज, स्वर्णपाल, कीर्तिराज, उभयपाल, गोविन्दराज, राजराज, वीरराज और जैत्र वर्मा चंदेरी के शासक हुए। दक्षिण भारत के राजा गणपति यान्वपेल्ल ने 13वीं शताब्दी में प्रतिहारों के राज्य को समाप्त कर दिया।

मलहाजनी के प्रतिहार


उत्तर प्रदेश के जिला इटावा में मलहाजनी नामक स्थान पर प्रतिहारों का अधिकार था। यहाँ के प्रतिहार ग्वालियर के अन्तिम प्रतिहार शासक सारंगदेव, जिसे इल्तुतमिश ने परास्त किया था, उनके वंशज थे। इसके दूसरे पुत्र जालिमसिंहदेव ने सरसेर जिला हमीरपुर बुंदेलखंड में जाकर एक अच्छे क्षेत्र को विजय कर लिया था। फिर वहाँ से उसके वंशज सिद्धपुर जिला जालोन गए थे और वहाँ से मलहाजनी पहुंचे। मलहाजनी पर वि.सं. 1868 में महिपतिसिंह प्रतिहार ने अधिकार किया था, अब इनके वंशजों के आठ गाँव जिला इटावा और तीन गाँव जिला रायबरेली में हैं।

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