सोढ़ा राजपूतों का इतिहास, गोत्र - प्रवरादि, खांपों सहित


सोढ़ा परमार /पंवार राजपूतों का इतिहास

धरणीवराह के वंशज सोढ़ा और सांखला दो भाई थे। सोढ़ा के वंशज सोढ़ा परमार/पंवार और सांखला के वंशज सांखला परमार/पंवार कहलाये। अब हमें यह जानना है कि सोढ़ा और सांखला का पूर्वज धरणीवराह था कौन? यह प्रश्न विवादास्पद है। परमार/पंवार वंश में तीन धरणीवराह हुए हैं। एक धरणीवराह किराडू का शासक थे जिनका समय सातवीं शताब्दी के आसपास था। दूसरा धरणीवराह विक्रमी संवत् 1050 के लगभग था। तीसरा धरणीवराह, जगदेव परमार का प्रपोत्र था, जिसका समय लगभग 1254 विक्रमी संवत् था। अब इन तीनों धरणीवराह में से सोढ़ा और सांखला का पूर्वज कौन था? नैणसी री ख्यात के अनुसार - "सोढ़ा सांखला पंवारा मिलै। पैहली इंणारो दादो धरणीवराह बाहड़में जूनो किराडू कहीजै, तिणरो धणी हुतों। तिणरै नवै कोट मारवाड़ रा हुता।"

नैणसी के इस कथन से संकेत मिलता है कि सोढ़ा और सांखलों का पूर्वज धरणीवराह किराडू का शासक था, जिसके अधिकार में नौ कोट थे। नौ कोट का धणी धरणीवराह सातवीं शताब्दी के लगभग था। अतः कहा जा सकता है कि उसका वंशज बाहड़ और बाहड़ के वंशज सोढ़ा और सांखला थे।

सोढ़ा परमार/पंवार की खांपे(शाखाऐं) निम्नलिखित हैं:-

1. भाण सोढ़ा - अमरकोट के शासक दुर्जनशाल के बड़े पुत्र खींवरा सिंहासन पर बैठे। उनके छोटे पुत्र भाण के वंशज भाण सोढ़ा हैं। इनका क्षेत्र पाकिस्तान में अमरकोट के आसपास हैं।

2. केलण सोढ़ा - भाण के भाई केलण के वंशज। यह सोढ़ा घाट क्षेत्र पाकिस्तान में है।

3. नागड़ सोढ़ा - केलण के भाई नागड़ के वंशज।

4. संग्रामसी सोढ़ा - नाहड़ के भाई संग्राम के वंशज। अमरकोट के शासक खींवर के पांच पुत्र अवतारदे, चीतों, गूजर, वीरधवल और वीरम थे। कीतो और गूजर के वंशज जैसलमेर चले गए। जैसलमेर के सोढ़ा इन्हीं के वंशज हैं। वीरम के वंशज जोधपुर और अम्बर क्षेत्र में हैं।

5. बैरसी सोढ़ा - अमरकोट के शासक क्रमशः खींवर, अवतारदे, थीरा व हम्मीर हुए। हम्मीर के बड़े पुत्र वीसा गद्दी पर बैठे। दूसरे पुत्रों में बैरसी के वंशज बैरसी सोढ़ा कहलाये।
बैरसी सोढ़ा की भी 3 शाखाएं हैं:-
*नबा सोढ़ा - बैरसी के पुत्र नबा के वंशज नबा सोढ़ा कहलाए। यह पारकर क्षेत्र में हैं। रणमल के कुलों में इनका ठिकाना था।
*देवा सोढ़ा - नबा के पुत्र देवा के वंशज।
*रायब सोढ़ा - बैरसी के पुत्र रायब के वंशज। बैरसी के वंशजों में बांका और पिचाणोत सोढ़ा भी हैं।

6. बरजांग सोढ़ा - बैरसी के भाई बरजांग के वंशज हैं।

7. उदा सोढ़ा - बरजांगण के भाई उदा से उदा सोढ़ा कहलाए। अब यह पाकिस्तान में है।

8.  महराण सोढ़ा - बैरसी के पुत्र उदा, उदा के कूंपा, कूंपा के बेहसल के महिरावण हुआ। इसी महिरावण के वंशज महराण सोढ़ा कहलाए।

9. सादूल सोढ़ा - महिरावण के पुत्र खेतसी के पुत्र सादूल के वंशज। अभी पाकिस्तान में है।

10. अखैराज सोढ़ा - महिरावण के पुत्र खेतसी के पुत्र लाखा के पौत्र अखैराज के वंशज अखैराज सोढ़ा कहलाए।

11. जैतमल सोढ़ा - खेतसी के पुत्र कान्हा के पोत्र जैतमल के वंशज।

12. सरा सोढ़ा - खेतसी के पुत्र कान्ह के पुत्र सूरा के वंशज।

13. मघा सोढ़ा - कान्ह के पुत्र मघा के वंशज।

14. धोधा सोढ़ा - अमरकोट के शासक अवतारदे के पुत्र धोधा के वंशज।

15. तेजमालोत सोढ़ा - अमरकोट के शासक बीसा के बाद गद्दी पर बैठने वाले तेजसी के वंशज तेजमालोत सोढ़ा कहलाए।

16. करनिया सोढ़ा - अमरकोट के शासक बीसा के पुत्र तेजसी के बाद क्रमशः चापा, सूरजमल व करण हुए। इसी करण के पुत्र करनिया सोढ़ा कहलाए।

17. विजैराण सोढ़ा - अमरकोट के शासक बीसा के बाद उनके बड़े पुत्र तेजसी गद्दी पर बैठे। इसी तेजसी के बाद क्रमशः खेतसी व कान्हा हुए्। कान्हा के पौत्र हमीर व हमीर का पौत्र बिजा हुआ। इसी बिजा के वंशज, बिजैराण सोढ़ा हुए।

18. नरसिंह सोढ़ा - अमरकोट के शासक हमीर के वंशज महिरावण के पुत्र लुणा के पौत्र घड़सी था। इसी घड़सी के पुत्र नरसिंह के वंशज नरसिंह सोढ़ा कहलाए।

19. सुरताण सोढ़ा - अमरकोट के शासक तेजसी के बाद क्रमशः कूंपा, चांपा व गंगा अमरकोट के स्वामी हुए। इसी गंगा के एक पुत्र सुरताण के वंशज सुरताण सोढ़ा कहलाए। पाकिस्तान में छाछरों और फागलियों इनके ठिकाने थे।

20. नरपाल सोढ़ा - राणा तेजसी (अमरकोट) के पुत्र नरपाल के वंशज, नरपाल सोढ़ा कहलाए।

21. गंगदास सोढ़ा - राणा चांपा (अमरकोट) के पुत्र राणा गंगा के वंशज गंगदास सोढ़ा कहलाए। राडरातो, कोटू, खींपरो, मुथूण, अवरसिया आदि इनके ठिकाने अमरकोट के आसपास थे। इनके अलावा अमरकोट के सोढ़ा परमारों में अर्जणोत, देपाल, दला, सतला, वीरमदे, भारमाल, टापा, मला, भैरवाणी, भारसार, सोरत आदि थे।

22. भोजराज सोढ़ा - गंगा के पुत्र पत्ता अमरकोट के राणा हुए। पत्ता के चंद्रसेन व चंद्रसेन का भोजराज पुत्र हुआ। इसी भोजराज के वंशज भोजराज सोढ़ा कहलाए। छौल, खुहरा तथा ठिगारी इनके ठिकाने थे।

23. जोधा सोढ़ा - राणा गंगा के मानसिंह व मानसिंह के जोधा हुए। इसी जोधा के वंशज जोधा सोढ़ा कहलाए।

24. आसराव सोढ़ा - अमरकोट के शासक दुर्जनशाल के छोटे भाई आसराव ने पारकर क्षेत्र पर अधिकार किया। इसी आसराव के वंशज आसराव सोढ़ा कहलाए तथा पारकर पर अधिकार करने के कारण पारकर सोढ़ा भी कहलाते हैं। सोढ़ा परमार बिहार के नागपुर क्षेत्र के आसपास भी है।

कुल परमार और सोढ़ा राजपूत
का थोड़ा परिचय 👣वंशावली

👉मूल पुरुष : परमार
👉वंश : पहले सूर्यवंश बाद में  अग्निवंश
👉 गोत्र : वशिष्ट
👉कुलक्षेत्र : आबू पर्वत
👉 तिथि : पांचम
👉महीनों : वेशाख
👉वार : गुरु
👉पागडी : पचरंगी
👉 झंडा : त्रीबधी
👉जाज़म : सूवा पंखी
👉नदी : सफरा
👉घोड़ो : कवलीयौ
👉शाखा: माधवी
👉ढाल : हरीपंख
👉तलवार : रणतर
👉वृक्ष: आबो
👉गाय : कवली गाय
👉गणपति : एकदंत
👉भेरव : गौरा भैरव
👉गुरु : गोरखनाथ
👉निशान : केसरीसिंह
👉शस्त्र : भालो
👉वेद : यजुर्वेद
👉 ब्राह्मण : राजगौर
👉बेसणो : उज्जैन
👉प्रवर : पांच
👉महादानेश्वरी : राजा भोज 👉भूदानेश्वर : राजा राम
👉सूवण दानेश्वरी : सोढ़ा जी परमार
👉कुंड : अनलकुंड
👉वीरवत : राजाविक्रम
👉परदुख भंजन : राजा वीर विक्रमादित्य
👉आध : पुस्तराज
👉प्राणदाता : इंद्र
👉नगरी : चंद्रावती
👉क्षमादान : राजा मूँज
👉कुलदेवी : सच्चियाय माता
👉इष्टदेवी : हरसीधी माँ
👉पीर : पिथौराजी

कुल परमार और सोढ़ा राजपूत
की वंशावली

👉राजा परमार
👉पोहोकर
👉पुरुराव
👉कनक्कुवर
👉सजा करण
👉कुण
👉भीमराज़
👉कलग
👉राजा इंद्र
👉राजा चदव
👉राजा जगत सेन
👉सूर्य हंस
👉राजा चत्रग
👉गद्रव सेन
👉राजा वीर
👉राजा विक्रमादित्य
👉चदेव
👉भीम देव
👉बलदे राजा
👉पत सेन
👉भूपत राजा
👉जसधमल
👉राजा विमल
👉साल भान
👉संगत कुंवर
👉राजा वीरों चंद
👉महिपाल
👉पृथ्वी दंड
👉गऊ पड़
👉गऊदेव
👉कारथेन
👉सहेस राज़
👉सत्य कुंवर
👉साम देव
👉वीरपाल
👉वजेराज़
👉राजा सोम
👉सिंधल सेन
👉राजा भोज
👉बधराज़
👉उदयादित्य
👉जगदेव राय
👉दाभ्र्म
👉धधमार (सिंधुराज )
👉धरणीवराह
👉धोम
👉उपट राव
👉अलप राव
👉बाहड़राय
👉छाहड राव (छोड़जी )
👉सोढ़ा जी

सोढ़ा जी के छः भाई थे और एक बहन।
1. सोढ़ा जी स्वयं।
2. सांखला जी।
3. वाधो जी।
4. जेतसी जी।
5. जेसगदेव जी।
6. परब जी।
बहन = केसर कुंवर जो सच्चियाय देवी हुऐ। सच्चियाय देवी सोढ़ा जी के बहन थे और वो देवी शक्ति थे। आज भी सोढ़ा कुल मे उनकी पूजा होती हैं।


सोढ़ा परमार/पंवार राजपूतों का संपूर्ण इतिहास 

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